Monday, September 21, 2020

आदर्श बदला (लेखक सुदर्शन)

                 आदर्श बदला 

लेखक सुदर्शन जी का संक्षिप्त परिचय :-

 सुदर्शन जी का जन्म 29 मई 1895 को सियालकोट में हुआ |आप का वास्तविक नाम बद्रीनाथ है |आप प्रेमचंद परंपरा के कहानीकार है | आपका दृष्टिकोण सुधारवादी आदर्शौन्मुख है |आपकी भाषा सरल, स्वाभाविक, प्रभावोत्पादक और मुहावरेदार है | आप का निधन 9 मार्च 1967 को हुआ |

 सुदर्शन जी की कृतियां :-

आदर्श बदला पाठ का सार :-

 सुदर्शन जी की कहानी आदर्श बदला में लेखक ने प्रेमचंद जी की तरह ही आदर्श को बताया है | लेखक की भी सोच आदर्शवादी है | कहानी का मुख्य पात्र बैजू जिसका जीवन संघर्षों से घिरा है परंतु कहानी का अंत सुखद होता है | बदला अर्थात प्रतिकार | मनुष्य का स्वभाव ही होता है बदला लेना ; परंतु अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए यदि कोई बदला लेता है तथा इससे सामने वाले का हृदय परिवर्तन हो जाता है तो वह आदर्श बदला कहलाता है|



मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग :-

१)  तूती बोलना

अर्थ : - अधिक प्रभाव होना   

वाक्य : - भारत में मोदी जी की तूती बोल रही है |

२)  बिलख बिलख कर रोना : -

अर्थ  : - फूट फूट कर रोना , जोर जोर से रोना 

वाक्य : - जवान बेटे की मौत पर बूढ़ी माँ बिलख - बिलख कर रोने लगी |

३)  वाह-वाह करना : -

अर्थ : -  प्रशंसा करना 

वाक्य : - काजल का 12वीं में प्रथम स्थान आने पर सब उसकी वाह-वाह करने लगे |

४)  समाँ बंधना : -

अर्थ  : - वातावरण निर्माण होना ; रंग जमाना 

वाक्य : - तानसेन ने अपनी गायकी से महफिल में समाँ बांध दिया |

५)  लहू सुखना : -

अर्थ : -  डर जाना ; भयभीत हो जाना 

वाक्य : - श्री कृष्ण के यमुना नदी में गिर जाने की बात सुनकर यशोदा मैया का लहू सूख गया |

६) ब्रह्मानंद में लीन होना 

अर्थ : - अत्यधिक आनंद होना ; अलौकिक आनंद का अनुभव करना 

वाक्य :-  वनवास से लौट आने पर लक्ष्मण को देख उर्मिला ब्रह्मानंद में लीन हो गई |

७)  कंठ भर आना : - 

 अर्थ : - भावुक हो जाना 

वाक्य  : - विदेश से वर्षों बाद लौटे बेटे को देखकर मां का कंठ भर आया |

 

८)  जान बख्शना : -

अर्थ : -  जीवन दान देना ; प्राणों की रक्षा करना 

वाक्य : -  पुलिस ने चोरों को चेतावनी देकर उनकी जान बख्श दी |

 स्वाध्याय :-

 आकलन 

कृति पूर्ण कीजिए :-  

१) अ)  साधुओं की एक स्वाभाविक विशेषता - ------- 

उत्तर :- साधुओं की एक स्वाभाविक विशेषता....

 साधुओं के अनुसार मन चंचल होता है बिना काम के वह भटकने लगता है इसीलिए मन को भक्ति की जंजीरों में जकड़ देना चाहिए|

आ)   लिखिए :-

१) आगरा शहर का प्रभात कालीन वातावरण -

 उत्तर:-  आगरा में सुबह आसमान से बरसती हुई प्रभात की किरणें नवीन जीवन की वर्षा कर रही थी इस खुशी में में फूल झूम रहे थे ,पत्ते ताली बजा रहे थे, पक्षी मीठे गीत गा रहे थे चारों ओर खुशियां खुशियां थी |

२) साधुओं की मंडली आगरा शहर में यह गीत गा रही थी  -

 उत्तर :- "सुमर - सुमर भगवान को 

             मूरख मत खाली छोड़ इस मन को "

 शब्द संपदा :-

 लिंग बदलो :-

१)  साधु - साध्वी         २) नवयुवक - नवयुवती 

३) महाराज - महारानी   ४)  दास - दासी 


 अभिव्यक्ति :- 

 ३)  अ)' मनुष्य के जीवन में अहिंसा का महत्व' इस विषय पर अपने विचार लिखिए|

उत्तर :- जब भी कभी अहिंसा पर चर्चा होती है तब सर्वप्रथम गांधीजी और गौतम बुद्ध का स्मरण हो जाता है | अहिंसा पर वेदव्यास जी कहते हैं-"अहिंसा परम धर्म है ,अहिंसा परम संयम है ,अहिंसा परम धर्म है ,अहिंसा परम यज्ञ है ,अहिंसा परम मित्र हैं और अहिंसा परम सुख है |" आज के परिवेश में कुछ लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर एक दूसरे की जान लेने पर उतारू हो जाते हैं |मनुष्य को सदा स्मरण रहना चाहिए कि हिंसा से आज तक किसी का ना भला हुआ है ना ही होगा| तत्कालीन से हम देखते आ रहे हैं कि जब-जब भी हिंसा हुई है तब-तब धर्म का पतन हुआ है |रामायण ,महाभारत आदि ग्रंथों को हम देखकर अनुमान लगा सकते हैं कि अहिंसा से मनुष्य अपनी मृत्यु के द्वार स्वयं ही खोलता है |अतः मनुष्य को हमेशा इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे अहिंसा का मार्ग खुद भी अपनाए और दूसरों को भी अपनाने के लिए प्रेरित करें ;इस मार्ग में सफलता भले ही थोड़ी देरी से मिले पर मिलती जरूर है |अहिंसा का मार्ग अपनाने में किसी की भी हानि नहीं होती और व्यक्ति प्रसन्न रहता है|

आ) 'सच्चा कलाकार वह होता है जो दूसरों की कला का सम्मान करता है', इस कथन पर अपना मत व्यक्त कीजिए|

उत्तर :- 












 






 









10 comments: