Thursday, June 30, 2022

Sunday, April 3, 2022

मनोबल

 न निराश हो विद्यार्थियों आप 

बताती हूं आपको राज की बात

किसी भी शुभ कार्य में हवन करते हैं 

और उस हवन से आसपास का वातावरण शुद्ध करते हैं

 बस इसी तरह हमारे आसपास के वायरस को मारने के लिए ,

विद्यार्थियों में ऊर्जा शक्ति निर्माण के लिए

नियति ने भी एक विशेष हवन का आयोजन किया 

और उसी का कार्यभार भारतीय भाषाओं को सौंपा

नहीं जले हैं समिधा में केवल हिंदी ,मराठी के पेपर 

उसमें तो जला है महीनों से चला आ रहा पढ़ाई के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण

जलकर राख हुई है निराशा , दूर हुआ अंधकार है 

थकान ,असंतोष, भय ,आलस्य , चिंता की जल गई चिता  हैं 

और इसी जलते हुए पेपर की रोशनी में 

आशा की किरण नजर आई है

इन दो सालों में अगर आप पीछे हो गए हो तो ,

आपके आगे बढ़ने की गति  भी (speed) दोगुनी हो आई हैं 

जलती हुई आग की लपटों ने एक बात सिखाई है

 जल रही है वह लपट इसीलिए ऊपर जा रही है

हमें भी शिखर तक पहुंचने के लिए आग की तरह  जलना होगा

संघर्षों को पार करते हुए मंजिल को पाना होगा 


 " हिंदी और मराठी" के पेपर की आप सभी को शुभकामनाएं










Thursday, March 3, 2022

पुनः ऑफलाइन की ओर.....

 कोरोना को देकर करारा तमाचा |

पूरे महाराष्ट्र में बटेगा आज इंग्लिश का पर्चा ||

 2 साल बाद ही सही बोर्ड की परीक्षा आई है |

कमर कस ली विद्यार्थियों ने, कर ली पूरी पढ़ाई है ||

लेकर दोनों डोज़ बोर्ड नियम का पालन  किया है |

देकर प्रैक्टिकल और ओरल डर को कुछ कम किया है ||

75 % की पढ़ाई को 100 % की लगन से किया है |

रिवीजन में आई कठिनाइयों को शिक्षक द्वारा दूर किया है ||

30 मिनट मिले अतिरिक्त उसका लाभ उठाना है |

करके 80 अंकों का पेपर रिजल्ट को बेहतर बनाना है ||

गर कुछ भूल गए ,2 मिनट आंख बंद करना है |

क्या बताया था हमारे शिक्षक ने वह याद करना है ||

जितनी कठिन साधना पेपर उतना ही सरल होता है |

फूंक -फूंक कर रखना कदम एक-एक अंक जरूरी होता है ||

ऑनलाइन पढ़ाई और ऑफलाइन परीक्षा का गजब संगम है |

ऐसी स्थिति में भी जो विचलित ना हो वही नंबर वन है ||

      "परीक्षा की विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं"















Wednesday, January 12, 2022

सूक्तिसौरभ: |


                         तृतीय: पाठ:

               सूक्तिसौरभ:

 उपकारान् स्मरेन्नित्यम् अपकारांश्च विस्मरेत् । शुभे शैघ्यं प्रकुर्वीत अशुभे दीर्घसूत्रता ॥१॥

 १.  अन्वय: -   नित्यम् उपकारान् स्मरेत् । अपकारान् च विस्मरेत् । शुभे शैघ्यं प्रकुर्वीत । अशुभे दीर्घसूत्रता (प्रकुर्वीत) ।स्मरेत् । अपकारान् च विस्मरेत् । शुभे शैघ्यं प्रकुर्वीत । अशुभे दीर्घसूत्रता (प्रकुर्वीत) ।

मराठी भाषांतर :-

नेहमी उपकारांचे स्मरण करावे. अपकारांना नेहमी विसरावे. शुभ(चांगले) काम लवकर करावीत अशुभ कार्य करण्यात करावा. उशीर करावा.


२) सुखं शेते सत्यवक्ता सुखं शेते मितव्ययी ।

हितभुक् मितभुक् चैव तथैव विजितेन्द्रियः ।।२।।

अन्वय: - सत्यवक्ता सुखं शेते । मितव्ययी सुखं शेते। हितभुक् मितभुक् च एव (सुखं शेते) तथा एवं विजितेन्द्रियः (सुखं शेते) ।

मराठी भाषांतर :-

सत्य (खरे) बोलणारा सुखाने झोपतो. कमी खर्च करणारा सुखाने झोपतो; हितकर खाणारा व थोडे खाणारा सुखाने झोपतो तसेच ज्यांनी आपल्या ज्ञानेंन्द्रियांना जिंकले आहे तो सुखाने झोपतो.


कोऽतिभारः समर्थानां किं दूरं व्यवसायिनाम् ।

को विदेशः सुविद्यानां कोऽप्रियः प्रियवादिनाम् ||३||

अन्वय: -  समर्थानां कः अतिभार: ? (न कश्चित् अतिभारः) व्यवसायिनां किं दूरम् ? (न किञ्चित् दूरम्) सुविद्यानां कः विदेशः ? (न कोऽपि विदेशः) प्रियवादिनां कः अप्रियः ? (न कोऽपि अप्रियः)

मराठी भाषांतर :-

३. सर्व समर्थ लोकांना कोणते ओझे? (कोणतेच नाही) व्यवसाय (व्यापार) करणाऱ्या दूरच्या अंतराचे काय? (त्याच्यासाठी दूरचे अंतर काहीच नसते) चांगल्या विद्या घेतलेल्यांना विदेश जाण्याचे (भय काय?) त्या स्वदेश किंवा विदेश यात काहीच फरक दिसत नाही, प्रिय (गोड) बोलणाऱ्यांना नावडले असे काय? (त्यांना अप्रिय असे काहीच नसते.)

Thursday, January 6, 2022

प्रजापालनार्थ राजकर्तव्यानि

 प्रजापालनार्थ राजकर्तव्यानि ।

लोगों की खातिर राजकार्ताव्यनी।


खेती,  पशुपालन और व्यापार के व्यवसाय और अनाज या पशुधन खनन या वन उपज के लाभों के बारे में बात करती है। इसलिए यह। उसके खजाने और धन की मदद से राजा उसका नाम ले सकता है (1.81.2)

जो लोग कर देने के इच्छुक हैं उन्हें खेती के लिए तैयार जमीन दी जानी चाहिए। वह भूमि जो अनुपयुक्त है और सर्प के नीचे लाई जाएगी या जगदीवाला की भूमि जिस पर खेती न करने वाले लोगों द्वारा खेती नहीं की जाती है (या जिस भूमि पर खेती नहीं की जाती है या जो व्यापारी गर्मियों के लिए आते हैं वे जानबूझकर लौटते हैं और करते हैं) कोपला को कर राहत के साथ-साथ कर छूट देते हुए राहत न मिलने दें, कहीं ऐसा न हो कि वे बड़े होकर अन्याय कर उन्हें राहत और कर छूट दे दें। जो आए या बाद में आए हैं, उन्हें कर छूट दें, और जिनकी कर छूट बंद है, उनकी देखभाल करें , पिता की तरह (26818)।


उसका काम करने वाला अधिकारी मुख्य कृषि अधिकारी को सही समय पर सभी प्रकार की सब्जियां, भांग फल, भांग और कपास के बीज, विषाक्त पदार्थ (22412) एकत्र करना चाहिए।

Tuesday, January 4, 2022

पाक विधानम् ( इडली इडलीका)

                  १. इडली / इडलिका

माषस्य विदलान् क्लिन्नान्निस्तुषान् हस्तलोडनैः। ततः सम्पेष्य पेषण्यां सम्भारेण विमिश्रितान्। स्थाल्यां विमद्ये बहुशः स्थापयेत्तदहस्ततः ।। आम्लीभूतं माषपिष्टं वटिकासु विनिक्षिपेत्। वस्त्रगर्भाभिरन्याभिः पिधाय परिपाचयेत् ।। अवतार्यात्र मरीचं चूर्णितं विकिरेदनु। घृताक्ता हिङगुसर्पिभ्याँ जीरकेण च धूपयेत्।।

अन्वयः ।

१) माषस्य क्लिन्नान् विदलान् हस्तलोडनैः निस्तुषान् कुर्यात् । ततः पेषण्यां सम्पेष्य (विविधशाकानां वा पिष्टधान्यानां वा) सम्भारेण विमिश्रितान् (पिष्टमाषान्) स्थाल्यां बहुशः विमर्द्य ततः तत् अहः स्थापयेत्। आम्लीभूतं माषपिष्टं वटिकासु विनिक्षिपेत् । अन्याभिः वस्त्रगर्भाभिः वटिकाभिः पिघाय परिपाचयेत्। अवतार्य अत्र चूर्णितं मरीचम् अनु विकिरेत्। घृताक्ताः (ताः इडलिकाः / इडल्यः) हिङगुसर्पिभ्याँ जीरकेण च धूपयेत् ।

मराठी भाषांतर

उडीदाच्या भिजलेल्या तुकड्यांना हाताने रगडून टरफल विरहित करावे. नंतर पाटा वरवंटा (खलबत्ता) यात घालून कुटून आवश्यक ते साहित्य त्यात मिसळावे नंतर ते पीठ थाळीमध्ये फेटून दिवसभर ठेवावे. आमलेले उडदाचे पीठ वाटीमध्ये घालून दुसऱ्या जाड कपड्याने वाट्या झाकून शिजवावे नंतर उतरवून मिर्ची पावडर त्यावर भूरभूरावे. तूपाने माखलेल्या त्या इडल्या हिंग, तूप व जीरपूड घालून सुगन्धित कराव्यात.