बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करना पिता का फर्ज है ,
तो
बुढ़ापे में उनकी लाठी बनना हमारा परम कर्तव्य है |
वे हमारे A. T. M. CARD बन सकते हैं ,
तो
हमें भी उनका AADHAR CARD बनना चाहिए|
हमारे जन्म पर वह खुश होते हैं ,
लेकिन
जीते वे तब है जब हम उनके बुढ़ापे का सहारा बनते हैं |
तो
बुढ़ापे में उनकी लाठी बनना हमारा परम कर्तव्य है |
वे हमारे A. T. M. CARD बन सकते हैं ,
तो
हमें भी उनका AADHAR CARD बनना चाहिए|
हमारे जन्म पर वह खुश होते हैं ,
लेकिन
जीते वे तब है जब हम उनके बुढ़ापे का सहारा बनते हैं |
🖊 प्रा. पायल जायसवाल
Bahut badiya
ReplyDeleteधन्यवाद
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